इमली के बीज के फायदे, उपयोग और नुकसान – Tamarind Seed Benefits and Side Effects in Hindi
इमली का नाम सुनकर अक्सर लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। आये भी क्यों न, आखिर पकने के बाद इसका स्वाद खट्टा और थोड़ा मीठा जो हो जाता है। इसके अलावा, इमली का उपयोग कई स्थानों पर औषधि के रूप में भी किया जाता है। इमली के साथ ही इसके काले और चमकदार बीजों में भी कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जाे विभिन्न शारीरिक समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में जानिए इमली के बीज के फायदे। साथ ही इस लेख में इमली के बीज के उपयोग और होने वाले नुकसानों के बारे में भी बताया गया है। लेख में आगे बढ़ने से पहले बता दें कि इमली के बीज स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रभाव को कम कर सकते हैं, लेकिन ये इनका इलाज नहीं है।
सबसे पहले हम आपको बताते हैं इमली के बीज के फायदे के बारे में।
इमली के बीज के फायदे – Benefits of Tamarind Seed in Hindi
1. दस्त की समस्या को कम करने के लिए
इमली के बीज का उपयोग औषधि के रूप में दस्त की समस्या को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। एक शोध में पाया गया कि इमली के बीज से प्राप्त अर्क में जायलोग्लूकन (Xyloglucan) नामक घटक पाया जाता है। शोध में पाया गया कि इस अर्क का उपयोग एक्यूट डायरिया की समस्या को कुछ हद तक ठीक करने में मददगार हो सकता है (1)।
2. इम्यूनिटी सुधारने के लिए इमली के बीज के फायदे
छोटी-मोटी शारीरिक समस्या का लंबे समय तक बने रहना प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने का संकेत हो सकता है। यहां इमली के बीज रोग प्रतिरक्षा क्षमता में सुधार का काम कर सकते हैं। एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए शोध के अनुसार, इमली के बीज में पॉलीसैकराइड PST001 नामक घटक पाया जाता है। इस घटक में इम्यूनोमॉड्यूलेशन (प्रतिरक्षा प्रणाली के सुधार में सहायक) गुण मौजूद होता है (2)। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया कि इमली के बीज से प्राप्त अर्क में जायलोग्लूकन (Xyloglucan) नामक घटक होता है। इसमें भी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने के गुण पाए जाते हैं (3)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इमली के बीज का इस्तेमाल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
3. एंटी बैक्टीरियल गुण
बैक्टीरिया के कारण कई प्रकार की बीमारियां होने का खतरा बन सकता है। इससे बचने के लिए इमली के बीज फायदेमंद हो सकते हैं। ओरल हेल्थ एण्ड डेंटल मैनेजमेंट ने अपने एक शोध में बताया कि इमली के बीज में टैनिन (Tannin) नामक सक्रिय यौगिक पाया जाता है। यह सक्रिय यौगिक बैक्टीरिया की उत्पत्ती के साथ ही उनको बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। इसलिए, इमली के बीजों के अर्क का उपयोग कई टूथपेस्ट में एंटी बैक्टीरियल गुणाें के कारण किया जाता है (4)।
4. एंटी इंफ्लेमेटरी गुण
त्वचा पर किसी भी प्रकार की चोट या घाव सूजन की समस्या का कारण बन सकता है। इमली के बीज का उपयोग सूजन की इस समस्या को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इमली के बीज में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसमें पाया जाने वाला यह गुण सूजन की समस्या को कम करने में फायदेमंद हो सकता है (5)।
5. मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए
रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने से मधुमेह की समस्या हो सकती है। इमली के बीज का उपयोग इस बीमारी को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है। इस विषय पर एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इमली के बीज के अर्क में शक्तिशाली एंटीडायबेटोजेनिक (Antidiabetogenic) गुण मौजूद होते हैं। ये गुण रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम करने में फायदेमंद पाए गए (6)।
6. आंखों के लिए
इमली के बीज का उपयोग आंखों के लिए घरेलू उपचार के रूप में किया जा सकता है। दरअसल, इसके बीज से प्राप्त पॉलीसैकराइड (Polysaccharide) नामक घटक का उपयोग आंखों में ड्राॅप के रूप में किया जा सकता है। इसके अलावा, आंखों की सर्जिकल प्रक्रियाओं के बाद विशेष रूप से कॉर्नियल (आंख की पुतली के आगे का पारदर्शी भाग) के घाव को भरने में इसका उपयाेग प्रभावी हो सकता है (7)।
7. घाव भरने की दवा के रूप में
घाव भरने की दवा के रूप में इमली के बीज के फायदे भी हो सकते हैं। इसी संबंध में हुए शोध में पाया गया कि इमली के बीज के अर्क में अल्कॉलाइड, फ्लेवोनोइड, सैपोनिन और टैनिन जैसे फाइटोकेमिकल पाए जाते हैं। इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल में घाव भरने के गुण भी पाए जाते हैं (8)। इस आधार पर कहा जा सकता कि इमली के बीज का अर्क घाव भरने में मददगार साबित हो सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और गहन शोध की आवश्यकता है।
8. गठिया की समस्या में इमली के बीज का उपयोग
गठिया की समस्या की वजह से होने वाला दर्द परेशानी का कारण बन सकता है। इमली के बीज का उपयोग इस समस्या को कुछ हद तक कम करने में फायदेमंद माना गया है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया कि इमली के बीज में एंटी-आर्थराइटिस (Anti-Arthritic) और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटी-अर्थराइटिस गुण गठिया से बचाव और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण प्रभावित क्षेत्र की सूजन को कम करने में फायदेमंद माने गए हैं (5)।
9. स्वस्थ हृदय के लिए
हृदय के लिए भी इमली के बीज के फायदे हो सकते हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी ने अपने एक शोध में पाया कि इमली के बीज में कई1 पोषक तत्व और गुण होते हैं, जो हृदय के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं। उन्हीं में से एक है लिनोलेइक एसिड। लिनोलेइक एसिड हृदय संबंधी बीमारियों जैसे कोरोनरी हृदय रोग और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis, आर्टरी में प्लाक का जमना) से बचाव में मदद कर सकता है (9)।
10. अल्सर
पेट में अल्सर की समस्या दर्दनाक हो सकती है। इस समस्या में इमली के बीज का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार, इमली के बीज में प्रोपेनिडिन, एपिक्टिन और पोलिमेरिक टैनिन नामक पॉलीफेनोलिक यौगिक पाए जाते हैं। ये सभी यौगिक अल्सर के विरुद्ध काम करते हैं। इसके अलावा, इमली के बीज से प्राप्त टैनिन भी अल्सर के विकास को रोकने में मददगार हो सकता है (7)।
इमली के बीज के फायदे जानने के बाद हम यहां इस में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
इमली के बीज के पौष्टिक तत्व – Tamarind Seed Nutritional Value in Hindi
मेडिकल क्षेत्र में इमली के फायदे तो हैं ही, इसके साथ ही इमली के बीज के फायदे भी हैं। इसका उपयोग इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण होता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों में माॅइश्चर, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर शामिल है। इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्वों की जानकारी नीचे दी जा रही है (9)।
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|
कैल्शियम | 9.3 – 786.0 मिलीग्राम |
आयरन | 6.5 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 17.5 – 118.3 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 68.4 – 165.0 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 272.8 – 610 मिलीग्राम |
सोडियम | 19.2 – 28.8 मिलीग्राम |
जिंक | 2.8 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 0.9 मिलीग्राम |
कॉपर | 1.6 – 19 मिलीग्राम |
इमली के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बाद जानते हैं, इसके उपयोग को।
इमली के बीज का उपयोग – How to Use Tamarind Seed in Hindi
इमली के बीज का उपयोग निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है –
- कई लोगों का मानना ही कि इमली के बीज का उपयोग उसे सूखाने के बाद पाउडर बनाकर दूध के साथ कर सकते हैं, लेकिन इस बारे में कोई शोध या वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
- कहीं-कहीं इमली के साथ उसके बीजों को भी चटनी बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- कुछ लोगों का मानना है कि इमली के बीज से बनाए गए पाउडर का उपयोग कई प्रकार से खाद्य सामग्री में किया जा सकता है।
- चेन्नई, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों में अनाज के आटे के साथ इमली के बीज को मिलाया जाता है (10)।
- इमली के पाउडर का उपयोग आटे में मिलाकर ब्रेड और बिस्कुट बनाने के लिए लिए किया जा सकता है।
- इसे जेली, जैम और मुरब्बा बनाने के लिए पेक्टिन (एक प्रकार का पॉलीसेकेराइड) के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
नोट – खाद्य रूप में इमली के बीज का उपयोग करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
मात्रा : इमली के बीज की कितनी मात्रा सेवन करने योग्य है, इस विषय पर कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। फिर भी आपका डॉक्टर इसकी मात्रा के बारे में ज्यादा बेहतर सलाह दे सकता है।
इमली के बीज का उपयोग जानने के बाद अब हम इमली के बीज के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
इमली के बीज के नुकसान – Side Effects of Tamarind Seed in Hindi
जहां एक ओर इमली के बीज के फायदे हैं, तो वहीं कई अवस्था में इमली के बीज के नुकसान भी देखे गए हैं। यहां हम इमली के बीज के संभावित नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
- इमली के बीज में टैनिन के साथ ही अन्य हानिकारक यौगिक होते हैं, जो पाचन को मुश्किल बना सकते हैं। इससे पेट की समस्या खड़ी हो सकती है (7)।
- इसमें पाए जाने वाले एसिडिक तत्वों के कारण लंबे समय तक उपयोग करने पर यह दांतों की समस्या का कारण बन सकता है (7)।
- सीधे तौर से बीज का सेवन करने पर अवसाद, कब्ज और आंतों की समस्या के रूप में इमली के बीज के नुकसान देखने को मिल सकते हैं (10)।
इमली के बीज सस्ते और आसानी से उपलब्ध औषधीय पदार्थ हैं। आपने इस लेख के माध्यम से इमली के बीज के फायदे और नुकसान के बारे में जाना। साथ ही इसके उपयोग के बारे में भी पढ़ा। अगर आप इमली के बीज को उपयोग में लाने का विचार बना रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बाद आप इसे इस्तेमाल में लाएं। गलत तरीके से किया गया इसका प्रयोग बताए गए इसके नुकसानों की वजह बन सकता है। ध्यान रहे कि इमली के बीज किसी भी बीमारी का इलाज नहीं हैं। यह बस शारीरिक समस्या के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, लेख से जुड़े सवालों और सुझावों के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए हमसे जुड़ सकते हैं।
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