मस्सा के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Warts Symptoms and Treatment in Hindi

गलत खान-पान, दूषित वातावरण और आसपास की गंदगी के कारण कई बैक्टीरिया और वायरस पैदा हो जाते हैं। इन बैक्टीरिया और वायरस की वजह से कई बीमारियां और समस्याएं देखने में आती हैं। उनमें से कुछ तो ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ लंबे समय के लिए शरीर में घर कर जाती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है मस्से की समस्या, जो आपकी खूबसूरती पर दाग के समान होते हैं। ये देखने में बेहद भद्दे लगते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम मस्सों के बारे में ही बात करेंगे। हम जानने की कोशिश करेंगे कि इसके पीछे मुख्य कारण क्या है। साथ ही हम मस्से का इलाज करने के कुछ खास घरेलू नुस्खे भी बताएंगे। इन घरेलू नुस्खों को उपयोग करने से पहले त्वचा विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है, क्योंकि कुछ लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है और इनमें से कुछ घरेलू नुस्खों से उन्हें एलर्जी हो सकती है।

आर्टिकल में सबसे पहले हम मस्सा के बारे में कुछ जानकारी जुटा लेते हैं।

मस्सा क्या है? – What Are Warts in Hindi

मस्सा, आपकी त्वचा की बाहरी परत पर एक मोटी और कठोर गांठ जैसा होता है। ये अपके शरीर पर कहीं भी विकसित हो सकते हैं। हाथ और पैरों की त्वचा पर इनके विकसित होने की आशंका ज्यादा होती हैं। ये आपकी त्वचा पर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) यानी एचपीवी संक्रमण के कारण होते हैं। खास बात यह है कि बेशक ये गांठ जैसे होता हैं, लेकिन कैंसर का कारण नहीं बनते हैं (1)।

आइए, अब यह जान लेते हैं कि मस्से कितने प्रकार के होते हैं।

मस्सा के प्रकार – Types of Warts in Hindi

मुख्य रूप से मस्से छह प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (2):

  • कॉमन मस्सा (Common warts): यह सुई की नोक से लेकर मटर के आकार तक हो सकता है। यह अक्सर हाथों, उंगलियों, नाखूनों के आसपास की त्वचा और आपके पैरों पर पाया जाता है।
  • प्लांटार मस्सा (Plantar warts): यह काफी बड़ा हो सकता है। इस तरह के मस्से का इलाज करना थोड़ा मुश्किल होता है। यह ज्यादातर पैरों की एड़ियों और तलवों पर होता है।
  • मोजेक मस्सा (Mosaic warts): यह छोटे आकार का सफेद रंग का मस्सा होता है। यह आमतौर पर पैरों की उंगलियों के नीचे पाया जाता है, जो पूरे पैर में फैल सकता है।
  • फिलीफॉर्म मस्सा (Filiform warts): यह धागे जैसा पतला और आगे से नुकीला होता है। यह मुख्य रूप से चेहरे पर होता है। चेहरे पर होने के कारण यह आपको ज्यादा परेशान कर सकता है।
  • फ्लैट मस्सा (Flat warts): यह हल्के भूरे रंग का होता है और आमतौर पर चेहरे, माथे व गाल पर पाया जाता है। यह आपके अंडरआर्म्स पर भी हो सकता है।
  • जेनिटल मस्सा (Genital warts): ये मस्सा जननांग पर बैक्टीरिया के कारण होता है।

मस्सों के प्रकार के बाद हम आगे मस्सा होने के कारण के बारे में बता रहे हैं।

मस्सा के कारण – Causes of Warts in Hindi

मस्से मुख्य रूप से संक्रमण के कारण होते हैं। मस्सा होने के कारण और भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2):

  • मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है। यह वायरस 100 से अधिक प्रकार का होता है, जो त्वचा में छोटे-छोटे कट के माध्यम से प्रवेश कर सकता है और अतिरिक्त कोशिकाओं की वृद्धि का कारण बन सकता है। इससे त्वचा की बाहरी परत मोटी और सख्त हो जाती है, जो मस्सा का रूप ले लेता है।
  • एचपीवी वायरस से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है।
  • दूसराें का तौलिया या फिर रेजर इस्तेमाल करना भी मस्सा होने के कारण बन सकता है।
  • घाव वाली त्वचा के संक्रमित होने से भी इसके होने की आशंका अधिक हो जाती है।

मस्से होने के कारण जानने के बाद अब हम इसके लक्षणों के बारे में भी जान लेते हैं।

मस्सा के लक्षण – Warts Symptoms in Hindi

आप कुछ खास लक्षणों के जरिए जान सकते हैं कि आपको मस्से हैं या नहीं (2):

  • त्वचा के ऊपर गांठ जैसा दिखाई देना।
  • त्वचा के ऊपर गहरे रंग के धब्बे या तिल जैसे निशान बनना।
  • त्वचा पर अलग-अलग प्रकार के रंग का होना।
  • मस्से पर काले धब्बों की उपस्थिति, आपकी रक्त वाहिकाओं को बंद कर सकती है।
  • त्वचा पर बनी हुई गांठ मुलायम या फिर खुरदरी होना भी मस्से के लक्षण हो सकते हैं।

अब आर्टिकल के इस अहम हिस्से में आप जानेगे कि किन घरेलू उपायों की मदद से इस समस्या से निपटा जा सकता है।

मस्सा के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Warts in Hindi

आम जिंदगी में मस्से का होना एक परेशानी का विषय बन सकता है। अगर आप भी इससे पीड़ित हैं और मस्सा हटाने के उपाय खोज रहे हैं, तो चिंता न करें। यहां पर हम आपको कुछ आसान से घरेलू उपायों के जरिए मस्से हटाने की विधि बता रहे हैं।

नोट: आप इन मस्सा हटाने के उपाय का उपयोग जेनिटल मस्से के लिए न करें। अगर आपको जेनिटल मस्सा है, तो इसके इलाज के लिए आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

1. लहसुन से मस्से का इलाज

Garlic warts treatment

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लहसुन में एंटीवायरल और एंटी कार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं। ये गुण वायरल से संक्रमित कोशिकाओं के प्रसार को रोकते हैं। इस प्रकार यह मस्सा का कारण बनने वाले वायरल संक्रमण का इलाज करने में आपकी मदद कर सकता है (3)।

सामग्री:

  • 1-2 लहसुन की कलियां

क्या करें?

  • लहसुन को कुचल कर एक पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को मस्से से प्रभावित स्थान पर लगाएं।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसे दिन में दो से तीन बार उपयोग कर सकते हैं।

2. अरंडी का तेल

अरंडी का तेल मस्से हटाने की दवा के रूप में लाभकारी साबित हो सकता है (4)। इसमें पाया जाने वाला एंटीवायरल गुण मस्से के बैक्टीरिया को रोकने और उसे समाप्त करने में आपकी मदद कर सकता है (5)। एंटीवायलर गुण मस्से और इसके फैलान वाले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को दूर करने के लिए एक कारगर घटक हो सकता है (6)।

सामग्री:

  • 1 चम्मच अरंडी का तेल
  • 2-3 बूंदें एसेंशियल ऑयल

क्या करें?

  • एक कटोरी में एसेंशियल ऑयल की दो से तीन बूंदों के साथ एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाएं।
  • इसे कॉटन की सहायता से मस्से पर लगाएं।
  • इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर पानी से धो लें।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग सुबह नहाने से पहले और रात को सोने से पहले कर सकते हैं।

3. टी ट्री का तेल

Tea tree oil

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टी ट्री का तेल मस्से की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। ये एटिऑलॉजिकल माइक्रोबियल (Aetiological Microbial) गुण से भरपूर होता है, जो त्वचा के संक्रमण को दूर करने में आपकी मदद करता है। इसके उपयोग से आप मस्से को फैलाने वाले बैक्टीरिया को समाप्त कर सकते हैं (7)। इसके अलावा, इस तेल में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है, जो बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होने वाले मस्से को दूर कर सकता है (8)।

सामग्री:

  • टी ट्री ऑयल की 2-3 बूंदें
  • कॉटन बॉल

क्या करें?

  • कॉटन बॉल को टी ट्री के तेल में डुबाएं।
  • इसके बाद कॉटन बॉल को मस्से पर लगाएं।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप ऐसा हफ्ते में रोजाना सुबह और शाम को कर सकते हैं।

4. सिरके से मस्से का इलाज

आप सिरके का उपयोग करके भी मस्से की समस्या को दूर कर सकते हैं। सिरके में मौजूद असेटिक एसिड बैक्टीरिया द्वारा बढ़ने वाले संक्रमण को फैलने नहीं देता। इसे मस्से पर लगाने से आपको जल्दी ही फायदा हो सकता है (9)।

सामग्री:

  • 2 चम्मच सिरका
  • एक कॉटन बॉल

क्या करेंं?

  • आप सिरके में कॉटन को भिगोकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  • इसे कुछ देर ऐसे ही लगा रहने दें।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग दिन में एक बार कभी भी कर सकते हैं।

5. एलोवेरा

Aloe vera

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आमतौर पर एलोवेरा के जेल का उपयोग त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे मस्से हटाने की दवा के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, एलोवेरा में एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं, जो मस्से का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को न सिर्फ रोकते हैं, बल्कि उन्हें समाप्त भी करते हैं (10)।

सामग्री:

  • 1 चम्मच एलोवेरा का गूदा

क्या करें?

  • एलोवेरा के गूदे को मस्से वाले स्थान पर लगाकर कुछ देर के लिए हल्के-हल्के हाथों से मलें।
  • मलने के बाद थोड़ी देर तक उसे ऐसा ही छोड़ दें और फिर धो लें।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग रोजाना कभी कर सकते हैं।

6. बेकिंग सोडा से मस्से का इलाज

जैसा कि आप ऊपर पढ़ चुके हैं कि मस्सा एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) संक्रमण के कारण होता है (6)। माना जाता है कि बेकिंग सोडा जिसे सोडियम बायकार्बोनेट के भी कहा जाता है, इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (11)। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।

सामग्री:

  • 2 चम्मच बेकिंग सोडा
  • 1 चम्मच एसेंशियल ऑयल

क्या करें?

  • दोनों सामग्रियों को आपस में मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
  • फिर इस पेस्ट को मस्से पर लगाएं।
  • कुछ देर बाद इसे साफ कर लें।

कब कर सकते  हैं उपयोग?

आप इस विधि का प्रयोग हफ्ते में दो से तीन बार कर सकते हैं।

7. नींबू

Lemon

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मस्से के मसले को सुलझाने के लिए नींबू बहुत ही काम की चीज हो सकती है। दरअसल, इसमें साइट्रिक एसिड पाया जाता है, जिसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह मस्से को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है (12)।

सामग्री:

  • 1 चम्मच नींबू का रस
  • 2 चम्मच पानी
  • कॉटन बॉल

क्या करें?

  • नींबू के रस को पानी में मिलाएं।
  • इस मिश्रण को आप मस्से पर कॉटन के द्वारा लगा सकते हैं।
  • कुछ देर इसे लगा रहने दें और फिर इसे धो लें।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग कभी भी कर सकते हैं। सुबह नहाने से पहले इसका उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।

8. केला के छिल्के से मस्से का इलाज

केला खाने के बाद आप उसके छिल्के को फेंक देते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि केले का छिल्का भी बहुत गुणकारी होता है। इसमें एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल के साथ ही एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। केले के छिल्के में पाए जाने वाले ये गुण मस्से को दूर करने के लिए रामबाण साबित हाे सकते हैं (13)।

सामग्री:

  • एक पके केले का छिल्का

क्या करें?

  • आप केले के छिल्के को मस्से पर 5 से 10 मिनट तक रख सकते हैं।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग दो दिन में एक बार कर सकते हैं।

9. थूजा का तेल

Thuja oil

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मस्से का इलाज करने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा में थूजा के तेल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। थूजा एक सदाबहार पेड़ हैं और इसकी पत्तियों से तैयार दवा को त्वचा से जुड़ी बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें एक मस्सा भी है (14)। मस्से को दूर करने वाले गुण के लिए अभी थूजा के तेल पर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।

सामग्री:

  • 2-3 बूंद थूजा का तेल
  • 2-3 बूंद एसेंशियल ऑयल
  • 1 कॉटन बॉल

क्या करें?

  • थूजा के तेल को एसेंशियल ऑयल के साथ मिला लें।
  • फिर इसमें कॉटन बॉल के डुबो दें।
  • इस कॉटन को मस्से से प्रभावित वाले स्थान पर कुछ देर के लिए लगाएं।
  • बाद में इसे ऐसे ही छोड़ दें।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग हफ्ते में दो बार किसी भी दिन कर सकते हैं।

10. हल्दी

हल्दी न सिर्फ हमारा रक्त साफ करती है, बल्कि यह अन्य मामलों में भी गुणकारी होती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं (15)। हल्दी में पाए जाने वाले ये गुण मस्से का कारण बनने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस को समाप्त करने में कारगर होते हैं। इसके अलावा, ये मस्से के प्रभाव को भी समाप्त करने में आपकी मदद कर सकते हैं (6)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है।

सामग्री:

  • 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 छोटा चम्मच एसेंशियल ऑयल

क्या करें?

  • तेल और हल्दी काे मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  • इसे लगाकर ऐसे ही छोड़ दें, ये अपने आप सूख कर झड़ जाएगा।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग रोजाना कभी भी कर सकते हैं।

11. बीटल जूस

बीटल जूस जिसे कैंथारिडिन (Cantharidin) के नाम से भी जानते हैं, मस्से के उपचार के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसको पॉडोफिलिन (Podophyllin) और सैलिसिलिक एसिड (Salicylic Acid) के साथ मिलाकर उपयोग करने पर मस्से की समस्या के साथ ही तिल की समस्या को भी दूर करने में कुछ मदद मिल सकती है (16)।

सामग्री:

  • 2-3 बूंदें बीटल जूस
  • 1-2 बूंद पॉडोफिलिन
  • 2 बूंद सैलिसिलिक एसिड
  • एक बैंडेज

क्या करें?

  • सब को मिलाकर प्रभावित त्वचा पर लगाएं।
  • इसके ऊपर से बैंडेज या पट्टी को आराम से बांध लें।
  • इसे 24 घंटे के लिए बंधा रहने दें।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप रोजाना रात को सोते समय इसका उपयोग कर सकते हैं।

12. नीम का तेल

नीम का नाम और इसके उपयोग के बारे में कौन नहीं जानता। इसमें मौजूद गुण हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इन्हीं गुणों में से एक गुण है एंटीवायरल गुण, जो मस्से को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को न सिर्फ रोकता है, बल्कि इसके संक्रमण को भी समाप्त कर देता है और दोबारा पनपने नहीं देता (17)।

सामग्री:

  • 1 चम्मच नीम का तेल
  • 1 कॉटन बॉल

क्या करें?

  • कॉटन बॉल को नीम के तेल में भिगाएं।
  • इसे मस्से वाले स्थान पर आराम-आराम से लगाएं।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप इसका उपयोग दिन में 2 बार कभी भी कर सकते हैं।

13. अजवायन का तेल

छोटी-सी दिखाई देने वाली अजवायन कई बीमारियों को ठीक कर सकती है। इसका तेल मस्से की समस्या को कुछ हद तक दूर कर सकता है। अजवायन का तेल एंटीवायरल गुणों से संपन्न होता है (18)। इसमें पाया जाने वाला यह गुण एचपीवी नामक वायरस को समाप्त करके मस्से की समस्या से आपको निजात दिलाने में मदद कर सकता है (19)। वहीं, सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की रिसर्च के अनुसार, एचपीवी के उपचार में एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है (20)। ऐसे में बेहतर होगा कि इस संबंध में एक बार डॉक्टर की राय जरूर ली जाए।

सामग्री:

  • 4-5 बूंद अजवायन का तेल
  • 1 कॉटन बॉल

क्या करें?

  • मस्से वाले स्थान को साफ कर लें।
  • कॉटन बॉल पर अजवायन के तेल को डालें।
  • इसे मस्से वाली जगह पर लगाए और थोड़ी देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।

कब कर सकते हैं उपयोग?

आप नहाने से पहले रोजाना इस विधि का उपयोग कर सकते हैं।

14. विटामिन ए

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मस्सों की समस्या को दूर करने के लिए विटामिन-ए को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आपको उन पदार्थों का सेवन करें, जो विटामिन-ए से भरपूर हों। आप डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-ए के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। विटामिन-ए मस्से का कारण बनने वाले एचपीवी नामक वायरस पर अपना प्रभाव दिखाता है और इसे धीरे-धीरे कम करके समाप्त कर सकता है (21)।

लेख के इस अंतिम हिस्से में हम आपको मस्से की समस्या से बचने के लिए कुछ उपाय बता रहे हैं।

मस्सा से बचाव – Prevention Tips for Warts in Hindi

अगर आपको मस्से नहीं है, तो जरूरी नहीं की भविष्य भी में न हो। अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो नीचे दिए कुछ जरूरी उपाय को फाॅलो करें, जो इस प्रकार हैं:

  • अपने हाथ और पैरों को नियमित रूप से धोएं।
  • अपने नाखूनों को जंग लगे या संक्रमित औजारों द्वारा कटने से बचना चाहिए।
  • ध्यान रखें कि अपनी वस्तुओं जैसे तौलिया व जूते-चप्पल आदि हर किसी के साथ शेयर न करें।
  • अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज रखें।
  • अपने पैरों को हमेशा सार्वजनिक स्थानों पर ढक कर रखें।

आपने आर्टिकल में पढ़ा की थोड़ी-सी भी लापरवाही कैसे किसी भी वायरस के फैलने का कारण बन सकती है। उन्हीं में से एक मस्से को फैलाने वाला वायरस भी है। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपसे मस्से के लक्षण और उसको फैलाने वाले वायरस की जानकारी साझा की है। साथ ही मस्से हटाने की विधि और उससे बचने के उपायों को भी बताया है। ये घरेलू नुस्खे मस्से की समस्या को कम कर सकते हैं और मेडिकल ट्रीटमेंट के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। साथ ही इन्हें उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ये आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद रहा नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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