रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण, लक्षण और इलाज – Rheumatoid Arthritis Causes, Symptoms and Treatment in Hindi
जैसे-जैस उम्र बढ़ती जाती है, हमारा शरीर बीमारियों की चपेट में आने लगता है। इसके पीछे एक बड़ा कारण रोग-प्रतिरोधक क्षमता का समय के साथ-साथ कमजोर होना है। इन बीमारियों की लिस्ट में एक नाम रूमेटाइड अर्थराइटिस का भी है (1)। जो लोग इस रोग से पीड़ित हैं, वो बेहतर तरीके से इससे होने वाले दर्द को समझ सकते हैं। कभी-कभी तो यह दर्द इस कदर कष्दायक होता है कि उसे बर्दाश्त करना तक मुश्किल हो जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में इसी बीमारी के बारे में बता रहे हैं। इस लेख में आपको यह भी बताया जाएगा कि रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है और रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण क्या-क्या हैं। साथ ही हम बताएंगे कि रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज कैसे किया जा सकता है।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है?
रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है? – What is Rheumatoid Arthritis in Hindi
रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून और सूजन की बीमारी है। इसका मतलब है कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता आपके शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे शरीर के जोड़ वाले हिस्सों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण इन हिस्सों में सूजन और तेज दर्द शुरू हो जाता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस मुख्य रूप से शरीर के जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है। कई बार यह एक ही समय में शरीर के कई जोड़ों को अपनी चपेट में ले लेता है। इस स्थिति में मुख्य रूप से कलाई, हाथों और घुटनों के जोड़ प्रभावित होते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस पूरे शरीर के अन्य टिश्यू को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे फेफड़ों, हृदय और आंखों में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है (1)।
आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के कारण क्या हो सकते हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण – Causes of Rheumatoid Arthritis in Hindi
रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं (2)।
- जीन (Gene) के कारण
- पर्यावरण की वजह से
- हार्मोन के कारण
वहीं, एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, अभी उन ठोस कारणों के बारे में बताना मुश्किल है कि किन कारणों से शरीर के जोड़ों और टिश्यू के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे काम करने लगती है। हां, इतना जरूर कहा जा सकता है कि पर्यावरणीय कारक और यौन संबंधी हार्मोन का मिश्रण इस रोग को जन्म दे सकता है (3)।
अब इनके लक्षणों के बारे में नीचे ध्यानपूर्वक पढ़िए।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण – Symptoms of Rheumatoid Arthritis in Hindi
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण निम्नलिखित प्रकार के होते हैं (1)।
- शरीर के किसी एक हिस्से में दर्द।
- शरीर के एक से अधिक जोड़ों में दर्द।
- शरीर के एक से अधिक जोड़ों में अकड़न।
- एक से अधिक जोड़ों का मुलायम हो जाना और सूजन बनी रहना।
- दोनों हाथों या दोनों घुटनों पर एक समान लक्षण।
- वजन घटना।
- बुखार बने रहना।
- थकान
- कमजोरी
आइए, लेख के अगले भाग में अब जानते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम कारक क्या हो सकते हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम कारक – Risk Factors of Rheumatoid Arthritis in Hindi
रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम कारक में इन्हें शामिल किया जा सकता है (3) :
- उम्र – आपको किसी भी उम्र में रूमेटाइड अर्थराइटिस हो सकता है, लेकिन व्यस्क होने पर इसका खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
- लिंग- पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह होना आम है।
- परिवार से – अगर परिवार के किसी भी सदस्य को रूमेटाइड अर्थराइटिस है, तो आपको भी यह रोग हो सकता है।
- धूम्रपान के कारण – जो लोग लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं, उन्हें रूमेटाइड अर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
- मोटापा – अधिक वजन के लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
- मसूड़े की बीमारी।
आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस के उपचार के लिए क्या किया जा सकता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज – Treatment of Rheumatoid Arthritis in Hindi
रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज इसके लक्षणों से आपको राहत दिला सकता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज के लिए डॉक्टर निम्न विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं (4):
- दवाइयां : रूमेटाइड अर्थराइटिस से होने वाले दर्द, सूजन और जॉइंट डैमेज से राहत दिलाने के लिए डॉक्टर आपको दवाइयां दे सकता है।
- सर्जरी के जरिए : यह स्थिति तब आती है, जब जोड़ों में असहनीय दर्द होने लगता है। इस प्रक्रिया में दर्द वाले हिस्से में जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है।
इन उपचार से रूमेटाइड अर्थराइटिस से होने वाले निम्न प्रकार के जोखिम को कम किया जा सकता है:
- दर्द से छुटकारा।
- सूजन कम होती है
- टिश्यू डैमेज होने से राहत मिलती है।
नोट – इलाज के नाम पर किसी भी दवा आदि का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या परहेज करना चाहिए?
रूमेटाइड अर्थराइटिस में परहेज – What to Avoid During Rheumatoid Arthritis in Hindi
रूमेटाइड अर्थराइटिस के उपचार के दौरान आप निम्लिखित खाद्य पदार्थों को नजरअंदाज कर सकते हैं (5)।
- प्रोसेस्ड फूड (इनमें एडेड शुगर, सोडियम और ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है)
- ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ
- तेल
- मक्खन
- चीनी
- जानवरों से मिलने वाले खाद्य पदार्थ – जैसे मांस, दूध व अण्डा आदि
एक डॉक्टरी रिसर्च के अनुसार, हाई फैट, कोलेस्ट्रोल, उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ और फास्ट फूड का लगातार सेवन मोटापा, चयापचय सिंड्रोम और हृदय रोग को बढ़ावा देता है। इसके कारण ऑटोइम्यून से संबंधित रोग हो सकते हैं। वहीं, ऑटोइम्यून रोग की वजह से रूमेटाइड अर्थराइटिस होता है, जिससे इसका जोखिम और बढ़ सकता है (7)। इसलिए, इन खाद्य पदार्थों का सेवन चिकित्सक की सलाह लेने के बाद ही करें।
आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या खाना चाहिए।
रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या खाना चाहिए – What to eat during Rheumatoid Arthritis in Hindi
अगर आप यह सोच रहें कि रूमेटाइड अर्थराइटिस के दौरान क्या खाना चाहिए, तो उसकी लिस्ट हम नीचे दे रहे हैं। इन खाद्य पदार्थों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस के दौरान होने वाले दर्द को रोकने में लाभदायक असर दिखा सकते हैं (5)।
- फल- सूखा आलूबुखारा, चकोतरा, अंगूर, ब्लूबेरी, अनार, आम (मौसमी फल), केला, आड़ू और सेब।
- अनाज- साबुत दलिया, गेहूं की रोटी और साबुत पोहा।
- फलियां- काले सोयाबीन और काले चने।
- साबुत अनाज – गेहूं, चावल, ओट्स, मक्का, राई, जौ, बाजरा, सोरगम और कैनरी बीज।
- मसाले – अदरक और हल्दी।
- जड़ी बूटी – शल्लकी और अश्वगंधा।
- तेल – जैतून का तेल, मछली का तेल और बोरेज सीड ऑयल (कम मात्रा में)।
- अन्य सामाग्री – दही, ग्रीन टी और तुलसी से बनी चाय।
लेख के इस भाग में जानिए कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से हम कैसे बचे रह सकते हैं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचने के उपाय – Prevention Tips for Rheumatoid Arthritis in Hindi
रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचने के लिए नीचे बताए जा रहे उपायों को अपनाया जा सकता है (3)।
- धूम्रपान न करें।
- मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखें।
- मोटापे का शिकार होने से बचें।
- सुबह जल्दी उठें।
- व्यायाम करें।
- पोषण से भरपूर आहार खाएं।
- पर्यावरण प्रदूषण से बचें।
उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए इसका पालन करना आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचा सकता है।
लेख में ऊपर बताए गए रूमेटाइड अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस मामले में जरा-सी देरी आपके लिए पूरी जिंदगी कष्टदायक साबित हो सकती है। साथ ही आप संतुलित खान-पान और जीवनशैली का पालन करें, ताकि यह बीमारी आप से हमेशा दूर रहे। अगर आप रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़ा हुआ कोई अन्य सवाल हमसे पूछना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल कर हम तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। हमें आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।
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